तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Friday, January 10, 2025

विश्व हिंदी दिवस

विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई 

विश्व में हिंदी का,नित्य बढ़ता हो सम्मान

जब सजाएँ ज्ञानी,मुस्कुराया हिंदी काल।
है विधा ने ओढ़ी,चूनरी जो धानी लाल।
है निराले छंदों में,शिल्प का पूरा ये ज्ञान।
विश्व में हिंदी का,नित्य बढ़ता हो सम्मान।।

थी खड़ी लाचारी,देखती बीमारी रोग।
लाभ लेते ज्ञानी,विद्वता भी देती योग।।
जो उठा है बीड़ा,उच्च हो भाषा का मान।
विश्व में हिंदी का,नित्य बढ़ता हो सम्मान।।

नव्यता ले भाषा,ओढ़ती सज्जा को आज।
जो विधा को देखे,रागिनी ने छेड़े साज।।
छंद हिंदी देखे ,दिव्यता का धारे ध्यान।
विश्व में हिंदी का,नित्य बढ़ता हो सम्मान।।


अनिता सुधीर आख्या 




Thursday, January 2, 2025

पूस की रात

 *पूस की रात*


ओस भर कर दूब बैठी

धूप का कब हो सबेरा


शीत रातों को डराए

हड्डियां भी काँपतीं हैं

अब सड़क देखे व्यथा से

आस कंबल ढाँपतीं हैं

ओढ़ता चादर तिमिरमय

साँझ का मध्यम अँधेरा।।


आग उपलों को तरसती 

नीति सरकारी रही है

योजना के छिद्र कहते 

चाय त्योहारी रही है

अल्पना के रंग सूखे 

रैन का कब हो बसेरा ।।


श्वान चौराहे पड़ा है

चाहता वो ताप थोड़ा

जब मनुजता दुरदुराती

आग ने कब साथ छोड़ा

पूस की जो रात ठंडी

घाव टोपी का उधेरा।।


अनिता सुधीर आख्या