तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Monday, September 16, 2019

आज का यथार्थ

लेडीज़ एंड जेंटलमैन

आज हम सब यहाँ हिंदी डे मनाने के लिए इकठ्ठा हुए  हैं ।
एज यू नो हिंदी लैंग्वेज हमारी  मदर टंग है ।एवरी ईयर ये 14th सेप्टेंबर को आता है । हम लोग बड़े जोर शोर से इसे मनाते हैं ।हम सबको आफिस में हिंदी में ही काम करना चाहिये । जितनी भी  फ़ाइल हो उसमें सिस्टम से  नीट एंड क्लीन काम हो ।
हमें अपने वर्क प्लेस पर और अधिक  अटेंशन देने की जरूरत है ।
हिंदी के प्रौग्रेस और प्रोमोशन के लिये पोएम कंपीटिशन भी जरूर करवाना चाहिए ।
यंग जनरेशन   से  स्पेशली अपील करता हूँ कि वो हिंदी को एक्सेप्ट करें ।
थैंक्यू


अनिता  सुधीर

12 comments:

  1. बेहतरीन व्यंग्य सखी

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  2. बेहतरीन..
    आज की मिली-जुली हिन्दी
    फालो का आप्शन लगाईए..
    सादर..

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    1. आ0 आप का हार्दिक धन्यवाद

      अभी ब्लॉग बनाया है ,कृपया बताएं ,फॉलो का ऑप्शन कैसे लगाएं

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  3. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में " सोमवार 16 सितम्बर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. आ0 आपका हार्दिक आभार
      अभी प्रयत्न कर रहे ,कैसे इस समूह से जुड़ें

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  4. शानदार सखी ।
    तीखा व्यंग ही नहीं आज का यथार्थ है बहुत सटीक ।
    ब्लाग जगत पर आपकी पहली रचना सांझा हुई है बहुत बहुत बधाई । उत्तरोत्तर शिखर छू थे रहें ।
    शुभकामनाएं।
    सस्नेह।

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  5. आ0 आपका मार्गदर्शन और सुझाव के हम ह्रदय तल से आभारी है
    आत्मिक धन्यवाद सखी

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  6. वाह बेहतरीन व्यंग्य

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  7. हिन्दी दिवस के मंच पर मुख्य-अतिथी का फ़ोन आने पर उनके मुँह से भी "सॉरी" निकलने ओअर अचरज होता है ... वैसे भी उर्दू भी हमारे तुगलकी और चंगेज़ी लोग लेकर आये थे, जब वह स्वीकार्य है तो ये अंग्रेंजी क्यों नहीं भला !? ...

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  8. आ0 आपका आभार ,स्वीकार तो हम लोगों ने सब किया है ,बस वो अतिथि बन के रहें,

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