तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Friday, April 10, 2020

दीप


दोहावली
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दीप जलाओ प्रेम का,लड़ना भीषण युद्ध ।
ऊर्जा का संचार हो ,अंतस होगा शुद्ध ।।
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मानवता के दीप को,शत शत करें प्रणाम।
विकट काल में वीर ये,करते उत्तम काम ।।
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अंतस की बाती बना,तेल समर्पण डाल ।
दीपक बन कर हम जलें,उत्तम होगा काल।।
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दीप जला कर ज्ञान का,करें तमस का नाश।
ध्वजवाहक अब आप हो,फैले सत्य प्रकाश।।
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विकट काल है विश्व में,भारत जगमग देश ।
जले दीप से दीप जो,बना नया परिवेश ।।

अनिता सुधीर





6 comments:

  1. दीप जला कर ज्ञान का,करें तमस का नाश।
    ध्वजवाहक अब आप हो,फैले सत्य प्रकाश।।
    उत्कृष्ट भावाभिव्यक्ति .

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