तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Saturday, May 9, 2020

भूख


पिरामिड

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१)
ये
थाली
है खाली
शिशु रोता
रोटी का टोटा
माँ भूख मिटाती
नभ चाँद दिखाती।
२)
ये
भूख
रसूख
तीक्ष्ण दुख
सुरसा मुख
है पतनोन्मुख!
इसे मिटा पा सुख।
3)
ये
स्तुत्य
कर्तव्य!
भूख मिटा
दुर्दिन हटा।
आचरण दिव्य
भविष्य होगा भव्य।

12 comments:


  1. जय मां हाटेशवरी.......

    आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
    आप की इस रचना का लिंक भी......
    10/05/2020 रविवार को......
    पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
    शामिल किया गया है.....
    आप भी इस हलचल में. .....
    सादर आमंत्रित है......

    अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
    https://www.halchalwith5links.blogspot.com
    धन्यवाद

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    1. जी आ0 हार्दिक आभार

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  2. बहुत ही सृजनात्मक काव्य । भाव के साथ प्रत्येक पंक्ति में शब्दों का आरोही क्रम ही इसे अद्वितीय बना रहा है ।

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    1. जी हार्दिक आभार आ0

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  3. सुन्दर पंक्तियाँ

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