तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Saturday, September 26, 2020

वर्तमान भारत


#दोहा
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बदल रहीं हैं नीतियां, भारत की तस्वीर।
श्रेष्ठ श्रेस्ठतम फिर बने,सँवरेगी तकदीर।।

संकट भी अवसर बना,सबका अथक प्रयास।
कर्मवीर हर क्षेत्र के,नई जगाते आस।।

भारत गाँवो में बसे,पढ़ें बाल गोपाल।
रोजगार का यत्न है,लोग रहें खुशहाल।।

भारत शिक्षा नीति में,करे बड़ा बदलाव।
लक्ष्य आत्म निर्भर रहा,उत्तम रहा सुझाव।।

पीर कृषक की देख के ,जय किसान उद्घोष ।
यत्न करे सरकार अब ,भरे दोगुना कोष ।

तार तार गरिमा हुई,संसद में भरपूर।
नीति नियन्ता भूलते,रहते मद में चूर।।

श्रेष्ठ नागरिक धर्म से,रखें देश का मान।
सार्थकता इसमें निहित,भारत का उत्थान।।

8 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (27-09-2020) को    "स्वच्छ भारत! समृद्ध भारत!!"    (चर्चा अंक-3837)    पर भी होगी। 
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  
    --

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  2. जी आ0वहार्दिक आभार

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  3. बहुत सुंदर दोहे आदरणीय दी एक से बढ़कर एक।

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  4. जीआ0ब हार्दिक आभार

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  5. आ अनीता जी, नमस्ते👏! बहुत सुंदर और सटीक दोहे। साधुवाद!--ब्रजेन्द्रनाथ

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