तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Saturday, October 17, 2020

नवरात्रि

नवरात्रि की शुभकामनाएं
दोहा छन्द

शारदीय नवरात्रि का, आज हुआ आरंभ।
पापनाशिनी मातु अब,मिटा हमारे दम्भ।।

करें कलश की स्थापना,पूजन विधि अनुसार।
प्रथम दिवस माँ शैल का,वंदन बारम्बार।।

आदि शक्ति का रूप हैं,दुर्गा के अवतार।
कृपा करो वरदायिनी, सुखमय हो संसार।।

माँ आओ उर धाम में,यही लगी है आस।
अंतर्मन की शुद्धि में,जीवन का उल्लास।।

विकट आपदा काल है,मिटा जगत का त्रास।
दुष्टों का संहार कर, मन में भरो हुलास।।


स्वरचित
अनिता सुधीर

4 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (18-10-2020) को     "शारदेय नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएँ"  (चर्चा अंक-3858)     पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    --   शारदेय नवरात्र की 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    --
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
    --

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  2. बहुत सुन्दर

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  3. बहुत सुंदर छंदबद्ध कविता । अभिनंदन एवं आपको भी नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं ।

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