तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Tuesday, October 12, 2021

माँ कालरात्रि

 माता कालरात्रि के चरणों में पुष्प

***

माँ कालरात्रि की अर्चना


कालरात्रि की अर्चना,सप्तम तिथि को कीजिए।

काल विनाशक कालिका,शुभंकरी को पूजिए।।


रक्त बीज संहार जब,जन्म हजारों रक्त का।

दानव का संहार कर,कष्ट हरा फिर भक्त का।।


तीन नेत्र की स्वामिनी,रूप धरे विकराल हैं।

तांडव मुद्रा देख के,दूर भागता काल है ।।


चतुर्भुजी के हाथ में,कांटा और कटार है।

गर्दभ वाहन साथ ले,करें असुर संहार है।।


रोग दोष से मुक्त कर,करें शत्रु का नाश है।

ग्रह बाधा को दूर कर,जग में भरा प्रकाश है।।


द्वार सिद्धियों के खुलें,साधक मन सहस्रार में।

शीर्ष चक्र की चेतना,है दैहिक आधार में।।


अनिता सुधीर

10 comments:

  1. अत्यंत सराहनीय

    ReplyDelete
  2. वाह ! माता के अद्भुत रूप का सुंदर चित्रण ।

    ReplyDelete
  3. काल विनाशक कालिका शुभंकरी को पूजिए
    अति सुन्दर

    ReplyDelete
  4. उत्कृष्ट उल्लाला छंद👏🙏

    ReplyDelete
  5. अत्यंत उत्कृष्ट एवं ओजपूर्ण सृजन 🙏🏼💐

    ReplyDelete