तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Wednesday, October 13, 2021

माँ महागौरी

माता महागौरी के चरणों में पुष्प



अष्टम तिथि की दिव्यता,पूज्य शिवा में ध्यान हो।
मातु महागौरी सदा,भक्तों का कल्याण हो।।

जन्म हिमावन के यहाँ, मातु पार्वती ने लिया।
शंकर हों पति रूप में,बाल काल से तप किया।।

श्वेत वर्ण है मातु का,उपमा श्वेतांबरधरा ।
चतुर्भजी दुखहारिणी,माँ का अब है आसरा ।।

पूजन गौरी का करे,शांति हृदय में व्याप्त हो।
करें पाप का नाश फिर,शक्ति अलौकिक प्राप्त हो।।

राहू की हैं स्वामिनी ,दूर करें इस दोष को।
मातु वृषारूढ़ा भरें,सभी भक्त के कोष को।।

13 comments:

  1. अष्टम तिथि की दिव्यता। सुंदर भाव

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार(१४-१०-२०२१) को
    'समर्पण का गणित'(चर्चा अंक-४२१७)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  3. अद्भुत अतुल्य छंद बद्ध सृजन 💐🙏🏼
    जय माँ महिषासुर मर्दिनी 🙏🏼💐

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  4. अत्यंत उत्कृष्ट सृजन दीदी,जय माता दी 🙏🙏🌹🌹

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  5. वाह वाह वाह👏👏🙏🙏 अद्भुत

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  6. भक्तिपूर्ण सार्थक लेखन

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  7. बहुत भक्ति पूर्ण सुंदर पुष्प अर्पित किते आपने माँ गौरी के चरणों में।
    सुंदर पावन सृजन।
    जय माता रानी की ‌।

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  8. वाह बेहतरीन 👌👌

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