तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Sunday, October 10, 2021

माँ कुष्मांडा

माँ कुष्मांडा के चरणों में श्रद्धा के पुष्प


माँ कुष्मांडा पूजते, चौथे दिन नवरात्रि के।
वंदन बारम्बार है, चरणों में बल दात्रि के।।

अंधकार चहुँ ओर था, रूप लिया कुष्माण्ड का ।
ऊष्मा के फिर अंश से, सृजन किया ब्रह्मांड का।।

अष्ट भुजी देवी लिए, माला निधि की हाथ में।
अमृत कलश की सिद्धियाँ, सदा सहायक क्वाथ में।।

शक्ति मिले संकल्प की, चक्र अनाहत ध्यान से।
रहे प्रकाशित दस दिशा, यश समृद्धि सम्मान से।।

ओज तेजमय पुंज का, सूर्य लोक में धाम है ।
सकल जगत की स्वामिनी, शत शत तुम्हें प्रणाम है।।

अनिता सुधीर आख्या




16 comments:

  1. जय कुष्मांडा माँ🙏🙏अति सुंदर🙏🙏

    ReplyDelete
  2. जय माँ कूष्माण्डा 🙏🏼💐

    ReplyDelete
  3. अति उत्तम रचना अनिता 👌

    ReplyDelete
  4. जय माँ कुष्मांडा।
    सुंदर सृजन।

    ReplyDelete
  5. धन्यवाद अनिता

    ReplyDelete
  6. बहुत सुन्दर सृजन

    ReplyDelete