तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Tuesday, November 9, 2021

छठ


 छठ के पावन पर्व की शुभकामना



पूजा बिहार की मनभावन।

छठ व्रत सुहाग का अति पावन।।

माँ कुटुंब का मंगल करिये।

अखण्ड सुख से झोली भरिये।।


हमारे त्यौहारों और रीति रिवाजों में एक सार्थक संदेश है आवश्यकता है इसके मूल भाव को समझने की 


जीवनदायिनी नदी को पूजने का संदेश

धर्म ही नहीं ,

जड़ों से जुड़ने का संदेश

उगते और डूबते सूरज को अर्घ्य दे 

सांस्कृतिक विरासत,समानता का संदेश

देते है ,

ये रीति रिवाज और त्यौहार विशेष





19 comments:

  1. अति सुंदर एवं सार्थक सृजन 💐🙏🏼

    ReplyDelete
  2. बहुत ही सुंदर जय हो छठ मैया🙏🙏🙏

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार पूनम जी

      Delete
  3. सच हमारे त्यौहार और रीति रिवाज हमारी संस्कृति की धरोहर हैं

    ReplyDelete
  4. 🙏🙏🙏छठ की शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  5. सुंदर भाव, सटीक अभिव्यक्ति ।

    ReplyDelete
  6. बहुत सुंदर कविता जो सामयिक भी है तथा नवीन शैली में होकर भी छंदबद्ध एवं गेय है।

    ReplyDelete
  7. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (10-11-2021) को चर्चा मंच        "छठी मइया-कुटुंब का मंगल करिये"  (चर्चा अंक-4244)       पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    छठी मइया पर्व कीहार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'   

    ReplyDelete
  8. सुंदर सृजन.. सही कहा हमें संदेश को समझने की जरूरत है...

    ReplyDelete