तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Saturday, December 25, 2021

महामना प0 मदन मोहन


शत शत नमन

पच्चीस दिसंबर याद रहे,देवदूत जन्मा था एक।

लोक हितैषी योगी शिक्षक,कार्य किए थे जिसने नेक।। 


संस्कृत के विद्वान रहे थे,और वकालत से पहचान। 

लक्ष्य समाज सुधार रखे जब,कर्मवीर का कार्य महान।।


राष्ट्र निर्माण के सपने में,शिक्षा को दें सदा महत्व।

काशी का हिंदू विद्यालय,दिया युवाओं को दायित्व।।


चोरी चोरा केस लड़ा जब,जीत गए कितने अभियुक्त।

दो दल में फिर साध संतुलन,प्रण लेते अब होना मुक्त।। 


तम को दूर भगाकर मोहन,दें अनुपम आलोकित ज्ञान।

सत्यमेव नारा देकर के,किया धर्म संस्कृति उत्थान।।

15 comments:

  1. अत्यंत उत्कृष्ट एवं सटीक सृजन दीदी🙏🙏

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  2. वाह्हहहहहहहहहह, अद्भुत, वंदनीय सृजन मैम..... 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺

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    1. धन्यवाद प्रशांत जी

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  3. अति सुंदर एवं सार्थक सृजन 💐💐🙏🏼

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  4. बहुत ही सुंदर सृजन।
    नमन।
    सादर

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  5. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार(26-12-21) को क्रिसमस-डे"(चर्चा अंक4290)पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
    --
    कामिनी सिन्हा

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  6. अत्यंत उत्तम मैम🙏नमन

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  7. महामना को भावभीनी श्रद्धांजलि !

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  8. यात्रा पर रहने और आज नेटवर्क उपलब्ध होने के कारण ।मैं आज रचनाओं को देख पा रहा हूँ। बहुत अच्छी रचना!--ब्रजेंद्रनाथ

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