तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Thursday, February 3, 2022

गीत


गीत

आलोकित है जग सारा,बहती भावों की धारा।
श्रद्धा के मोती चुनकर,करते शृंगार तुम्हारा।।

जीवन का ताना बाना,सुख-दुख का जाना-आना।
रो-रो कर दिन क्यों काटें,दुख हँस कर सहते जाना।।
आती है जब कठिनाई, हो जाता जीवन खारा ।
थामे तुम हाथ बढा के, देते हो सदा सहारा ।।
आलोकित है ..

जग के पालनहारे तुम ,हम सबके रखवारे तुम ।
प्रेम सुमन अर्पित करते, दूर करो अँधियारे तुम।।
नाव फँसी तूफानों में, अब मिलता नहीं किनारा 
अन्तर्मन में दीप जला, भर दो मन में उजियारा ।।
आलोकित है....

सच्चाई की बोली से ,सत्कर्मों की झोली से।
नफरत द्वेष मिटा मन से,हृदय भरो रंगोली से।।
साथ भला क्या जाएगा ,छूटे गलियाँ चौबारा ।
पंछी छोड़े तन पिँजरा ,मानव जीवन बंजारा ।।
आलोकित है ....


अनिता सुधीर

16 comments:

  1. सुंदर,बहुत ही सुंदर।

    ReplyDelete
  2. ह्रदय तम को आलोकित करती भावपूर्ण रचना

    ReplyDelete
  3. बहुत सुंदर गीत🙏🙏

    ReplyDelete
  4. आलोकित है जग सारा। गुरु की महान कृपा

    ReplyDelete
  5. अत्यंत उत्कृष्ट एवं सुंदर संदेश देती हुई गीत रचना 💐💐💐🙏🏼

    ReplyDelete
  6. ,जीवन का तना बना ।सुख दुःख है आना जाना।। साईं की कृपा से सब सहजता से व्यतीत हो जाता है ।। अतिसुंदर लेखन

    ReplyDelete