तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Sunday, February 20, 2022

चुनाव

 आया दौर चुनाव का  ,नेताओं की रार ।

लगा दाँव पर अस्मिता ,करते हैं व्यापार।


निम्न कोटि के हो रहे ,नेताओं के बोल,
मूल्यों को रख ताक पर,बिका करें बिन मोल।
नायक जनता के बनें,करिए दूर विकार ।
अपने हित को त्यागिये,रखिए शुद्ध विचार।
याद करें संकल्प ये ,देश प्रेम आधार ।
आया ..

जाति धर्म निज स्वार्थ दे,गद्दारी का घाव ।
देश भक्ति ही धर्म हो ,रखे एकता भाव।
जन जन की वाणी बनो,अमर देश का नाम,
राजनीति को अब मिले ,एक नया आयाम।
भारत के निर्माण में ,बहे एकता  धार ।
आया ...

युग ये कैसा आ गया ,चरण वंदना धर्म।
झूठे का गुणगान ही ,बनता जीवन कर्म ।
अपने हित को साधिये,सदा देश उपरांत ।
देशप्रेम अनमोल है ,अडिग रहे सिद्धान्त।
सच्चाई की राह पर,रुको नहीं थक हार ।
आया..


अनिता सुधीर 

14 comments:

  1. अपने हित को साधिये, सदा देश उपरांत🙏🙏

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  2. अत्यंत सटीक एवं प्रभावशाली सृजन 💐💐💐🙏🏼

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  3. राजनीति को अब मिले ,एक नया आयाम।
    –कुर्सी कुछ ऐसी है जिससे चिपकते ही राग बदल जाता है
    °°
    भारत के निर्माण में ,बहे एकता धार ।
    –पता नहीं ऐसा कब होगा
    °°
    उम्दा रचना

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  4. सच को उजागर करती सटीक रचना
    वाह

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  5. हार्दिक आभार आ0

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  6. हार्दिक आभार आ0

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