काव्य कूची
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Saturday, March 18, 2023
मुक्तक
मुक्तक
टेढ़ी डगर पर पाँव का,अब मखमली सत्कार हो।
थी पीर वर्षों से सही, इन राह से अब प्यार हो।।
घट रिक्त जीवन का रहा, हर मोड़ पर जो प्यास थी
यह आस लेकर चल पड़ी,अब बूँद से अभिसार हो।।
अनिता सुधीर आख्या
3 comments:
Sudhir
March 18, 2023 at 10:17 AM
भाव पूर्ण मुक्तक।
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Sudhir
March 18, 2023 at 10:18 AM
भावपूर्ण मुक्तक
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Onkar Singh 'Vivek'
March 18, 2023 at 11:53 AM
वाह
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भाव पूर्ण मुक्तक।
ReplyDeleteभावपूर्ण मुक्तक
ReplyDeleteवाह
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