तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Thursday, July 10, 2025

गुरु पूर्णिमा


 गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं 


कब मार्ग मिला दिशि हीन चली,उर भाव पड़े जब शुष्क विविक्त।

मति मूढ़ लिए भटकी जग में,भ्रम जीवन को करता फिर तिक्त।।

मन अस्थिर के रथवान बने,गुरु खींच रहे जब से उर रिक्त।

चित धीर रखा सम भाव जगा,नित ईष्ट करें यह जीवन सिक्त।।


अनिता सुधीर आख्या 


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