काव्य कूची
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तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क
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Friday, October 31, 2025
सतीश शाह
अश्रुपूरित श्रद्धांजलि
वो कहानी किस्से,यादें बुला के गए हैं।
जो हँसी देते थे,वो क्यों रुला के गए हैं।।
अनिता
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