तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Tuesday, November 12, 2019

*बेटी


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शिक्षा पर अधिकार ,काँधे पर बस्ता डाल,
साथ चले  पग चार ,बेटी को पढ़ाइये ।

नींव सभ्य समाज की,खुशी 'दो'परिवार की,
शिक्षा का महत्व  अब  , बेटी को बताइये।

है राह नहीं आसान,स्वयं  बने पहचान,
बेटे के  समान ही ,  बेटी को भी पालिये  ।

हर क्षेत्र में अग्रणी ,सर्व सम्पन्न और गुणी,
शिक्षा से पायें मंजिलें, कम नहीं आंकिये ।

बुरी नजर न डाल ,कोख में अब न मार ,
ये  हैं सृष्टि का आधार ,बेटी को बचाइये  ।

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©anita_sudhir

3 comments:

  1. सामाजिक उत्थान पर सुंदर सृजन सखी ।

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  2. जी धन्यवाद सखी

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  3. कविता भावुक कर गयी हमें..

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