तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Tuesday, January 21, 2020

है सपने का घर

भूचालों की बुनियादों पर
है सपने का घर

सुख दुख तो आना जाना है
रहते क्यों डर डर कर
सिक्के के दो पहलू होते
जीते क्यों मर मरकर
पतझड़ बाद बहारें आती
चलने की हिम्मत कर
भूचालों की बुनियादों पर
है सपने का घर  ।

सरल नहीं है मंजिल पाना
करिये इस पर विचार
निष्ठा और समर्पण में ही
मिले जीवन का सार
आत्मविश्वास की ताकत से
नित्य अभ्यास तू कर
भूचालों की बुनियादों पर
है सपने का घर  ।

जो होना वो होकर रहता
कहे ये कर्म विधान
भाग्य का लेखा कहाँ टला ,
मिला कहाँ है निदान
आशाओं के दीप जला कर
मन में उजियारा भर
भूचालों की बुनियादों पर
है सपने का घर  ।


अनिता सुधीर

2 comments: