भूचालों की बुनियादों पर
है सपने का घर
सुख दुख तो आना जाना है
रहते क्यों डर डर कर
सिक्के के दो पहलू होते
जीते क्यों मर मरकर
पतझड़ बाद बहारें आती
चलने की हिम्मत कर
भूचालों की बुनियादों पर
है सपने का घर ।
सरल नहीं है मंजिल पाना
करिये इस पर विचार
निष्ठा और समर्पण में ही
मिले जीवन का सार
आत्मविश्वास की ताकत से
नित्य अभ्यास तू कर
भूचालों की बुनियादों पर
है सपने का घर ।
जो होना वो होकर रहता
कहे ये कर्म विधान
भाग्य का लेखा कहाँ टला ,
मिला कहाँ है निदान
आशाओं के दीप जला कर
मन में उजियारा भर
भूचालों की बुनियादों पर
है सपने का घर ।
अनिता सुधीर
है सपने का घर
सुख दुख तो आना जाना है
रहते क्यों डर डर कर
सिक्के के दो पहलू होते
जीते क्यों मर मरकर
पतझड़ बाद बहारें आती
चलने की हिम्मत कर
भूचालों की बुनियादों पर
है सपने का घर ।
सरल नहीं है मंजिल पाना
करिये इस पर विचार
निष्ठा और समर्पण में ही
मिले जीवन का सार
आत्मविश्वास की ताकत से
नित्य अभ्यास तू कर
भूचालों की बुनियादों पर
है सपने का घर ।
जो होना वो होकर रहता
कहे ये कर्म विधान
भाग्य का लेखा कहाँ टला ,
मिला कहाँ है निदान
आशाओं के दीप जला कर
मन में उजियारा भर
भूचालों की बुनियादों पर
है सपने का घर ।
अनिता सुधीर
बहुत सुंदर
ReplyDeleteहार्दिक आभार सखि
Delete