तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Sunday, March 1, 2020

अपराधी कौन ?

.लघुकथा



       
****
शिशिर को परेशान देखकर अजय ने पूछा _क्या बात हो गयी भाई!
यार अखबार पढ़ कर मन खराब हो जाता है।देखो न भ्रष्टाचार में भारत कितने ऊँचे पायदान पर है।
अखबार दिखाते हुए बोला।
अजय...अरे भाई शांत हो जाओ।समाधान तो हम सब को मिल कर निकालना है।
शिशिर .. मेरे बचत पत्र की अवधि पूरी हो गयी है ,वो लेने जाना है, चल यार मेरे साथ ,बातें भी होती रहेंगी।
 
ये काम आज नही हो सकता ,आप कल आइयेगा
कहते हुए कर्मचारी  ने शिशिर की ओर देखा ।

शिशिर ..कुछ  चाय पानी के  लिये ले लो, पर मेरा काम जरा जल्दी करा  दो।

अजय शिशिर  को देख रहा था ।



अनिता सुधीर
#हिंदी _ब्लॉगिंग

No comments:

Post a Comment