तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Thursday, March 19, 2020

वायरस


छंदमुक्त
***
वायरस ने जब पैर फैलाये
सिंहासन सबका डोल गया
"विषाणु" विष अणु बन कर
जब फ़ेफ़डों को लील गया ।
हथियारों के जखीरे धरे रहे
परमाणु बम जो डराते रहे
प्रोटीन परमाणु ने काम तमाम किया
दुनिया का जीना हराम किया ।
अहम् के किले कुछ  ऐसे ढहे
अस्तित्व के संकट में सब कुछ बहे
प्रत्यारोप ,प्रकोप का प्रलाप चला
प्रलय प्रवर्धन से अब हाल बुरा ।
ये भविष्य की बानगी भर है
प्रकृति से जो खिलवाड़ किया
जीव की जो  ये आह लगी
फिर दूर से प्रणाम किया ।
वायरस वायरल हो रहा
नकली सेनेटाइजर का बाजार बढ़ा
दिमाग में घुसे वायरस ने
मास्क का घिनौना खेल चला ।
कोरोना वायरस का रोना है
इसकी कोई दवा नहीं
आकार परिवर्तित हो जाये
प्रबंधन आसान हो जाये ।
पर ...दिमाग में घुसे कुटिल
वायरस के हमले से कौन बचाये
उसका एंटीवायरल कौन बनाये!


अनिता सुधीर
#हिन्दी_ब्लॉगिंग

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