तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Friday, March 20, 2020

गीतिका

#कनिका कपूर आक
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पढ़े लिखों को देखिये,हो गयी बुद्धि खाक।
नेता मंत्री मौज में,शहर हुआ नापाक ।।

बोझ व्यवस्था पर बढ़ा ,बढ़ता मन में क्षोभ,
क्षणिक लाभ ये देखते,जनता खड़ी अवाक ।

निम्न कोटि की सोच ने ,किया हाल बेहाल,
कारागृह में डालिये ,बात कहूँ बेबाक ।

रोजी रोटी बंद है, होती बंद दुकान,
कैद घरों में हो गये ,मारो एक फटाक।

मुसीबतें कितनी बढ़ी,कितना फैला रोग ,
शर्म करो करतूत पर ,धूमिल करते नाक ।

©anita_sudhir

3 comments:

  1. कारागृह में डालिए बात कहूं बेबाक ,बिल्कुल सही अनीता जी समाज के प्रति हम जिम्मेवारी से काम लेना चाहिए

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