तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Wednesday, July 1, 2020


डॉक्टर्स डे
कुंडलिया
***
धरती के भगवान को,शत शत करें प्रणाम ।
मानव सेवा धर्म में,कर्म करें निष्काम ।।
कर्म करें निष्काम, स्वयं की निजता खोते ।
काम करें दिन रात,जगे होकर ये सोते ।।
नतमस्तक हूँ आज,नमन मैं इनको करती ।
देते जीवन दान,सुखी हो इनसे धरती ।।

अनिता सुधीर आख्या

7 comments:

  1. कर्म करें निष्काम, स्वयं की निजता खोते ।
    काम करें दिन रात,जगे होकर ये सोते ।।

    सुंदर प्रयास ।
    मैं तो कुंडली लिख ही न पाऊंगा।
    शुभकामनाएँ स्वीकार करें आदरणीया।

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    1. जी हार्दिक आभार आ0

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    2. आ0 मैं बस ये जानती हूँ कि यदि मैं लिख सकती हूँ तो कोई भी लिख सकता है आप की कुंडलिया।की
      प्रतीक्षा में

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  2. जीवनदाता अन्नदाता
    बहुत सुंदर

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