तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Tuesday, January 18, 2022

दर्पण

 

हाइकु


हाइकु 

दर्पण

1)

धुंधले बिम्ब

अश्रुपूरित नैन 

दोष दर्पण

2)

वक़्त दर्पण 

संघर्ष प्रतिबिम्ब

कर्म अर्पण ।

3)

बिना प्रकाश

अस्तित्वहीन शीशा

क्यों इतराये ।

4)

शुभचिंतक

दर्पण बन जाते 

राह दिखाते ।

5)

सत्य दर्शन

अन्तर्मन दर्पण 

हो समर्पण


अनिता सुधीर


12 comments:

  1. अति सुन्दर हाइकु

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  2. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (19-01-2022) को चर्चा मंच     "कोहरे की अब दादागीरी"  (चर्चा अंक-4314)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'     

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  3. वाह वाह। दर्पण के अनेकों रूप

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  4. सुंदर उद्देश्य पूर्ण हाइकु सखी।

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  5. सुंदर बोध देते हाइकु

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