गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं
गणेश वंदना (चामर छन्द)
**
रिद्धि सिद्धि साथ ले गणेश जी पधारिये।
ग्रंथ हाथ में धरे विधान को विचारिये।
देव हों विराजमान आसनी बिछी हुई।
थाल में सजा हुआ सुभोग तो लगाइये।।
प्रार्थना कृपा निधान कष्ट का निदान हो
भक्ति भाव से भरा सुजान ही प्रधान हो ।
मूल तत्व हो यही समाज में समानता,
हे दयानिधे! दया ,सुकर्म का बखान हो ।।
ज्ञान दीजिये प्रभू अहं न शेष हो हिये।
त्याग प्रेम रूप रत्न कर्म में सदा जिये।
नाम आपका सदा विवेक से जपा करें,
आपका कृपालु हस्त शीश पे सदा लिये।।
अनिता सुधीर आख्या
सुंदर स्तुति ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर वंदना
ReplyDeleteअत्यंत सुंदर
ReplyDelete