गीतिका
शिल्प में उन्नत कला का जो युगों का ज्ञान है।
वो धरोहर में सजोए देश हिंदुस्तान है।।
भित्तियों पर चित्र हों या पत्थरों की मूर्तियाँ।
विश्व में अब इस कला का हो रहा गुणगान है।।
हस्त कौशल क्षेत्र में जब भाव शिल्पी ने रचे
फिर सृजन जीवंत होकर दे रहे आख्यान है।।
गूढ़ दर्शन को लिए कृतियाँ पुरानी जो गढ़ीं।
वह अलौकिक रूप में आदर्श का प्रतिमान है।।
ज्ञान तकनीकी समेटे जब पुरातन काल ने
गर्व की अनुभूति से करना अभी उत्थान है।।
यह विविध आयाम बनते सभ्यता संवाहिका
हम कला के हैं पुजारी मिल रही पहचान है।।
लोक मंगल की कला से मिल रहे आनंद में
सत्य शाश्वत सुंदरम के भाव का आह्वान है।।
अनिता सुधीर आख्या
सच है, हमारी धरोहर है ये। रचना भी अमूल्य है। साधुवाद
ReplyDelete💐💐💐
Deleteनमन है मैम...... भावपूर्ण सृजन...
ReplyDelete❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️
जी आभार
Deleteजी धन्यवाद
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