सभी मित्रों को समर्पित
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शूल को पथ से हटाने का मजा कुछ और है।
पुष्प उस पथ में बिछाने का मजा कुछ और है।।
मित्रता के पृष्ठ में जुड़तीं रहीं नव पंक्तियां
याद करके खिलखलाने का मजा कुछ और है।
चार दिन की जिंदगी में रौनकें हैं आपसे
साथ में जीवन बिताने का मजा कुछ और है।।
दूर होकर भी हमेशा पास का एहसास है
आपसे मिलने मिलाने का मजा कुछ और है।
आप मानें या न मानें बात लेकिन है सही
साथ में गप्पे लड़ाने का मजा कुछ और है।।
मस्तियों से दिन भरे बेफिक्र हो कर रात में
स्वप्न को झूला झुलाने का मजा कुछ और है।।
अनिता सुधीर आख्या
बहुत खूब!
ReplyDeleteवाह.
ReplyDeleteसुन्दर
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