तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Monday, September 22, 2025

मां शैलपुत्री


प्रथम दिवस मां शैलपुत्री देवी के चरणों में पुष्प


शारदीय नवरात्रि का,आज हुआ आरम्भ फिर।
जगजननी करिये कृपा,तभी मिटे उर दंभ फिर।।

शक्ति रूप की साधना,शुभ फलदायक जानिए।
दुर्गा नौ अवतार को,उन्नति का पथ मानिए।।

योग साधना चक्र की,मन हो मूलाधार में।
शंकर की अर्धांगिनी,चेतन के संचार में।।

शैल पुत्री के रूप को,प्रथम दिवस में पूजते।
घटस्थापना देख के,मन मंदिर फिर गूँजते।।

पर्वत की बेटी धरे,अर्ध चंद्र को शीश पर।
कमल पुष्प त्रिशूल लिए,आओ नंदी बैल पर।।

कुमकुम चावल पुष्प से ,करें मातु आराधना।
पापनाशिनी पाप हर,भवबंधन से तारना ।।

अनिता सुधीर आख्या

1 comment:

  1. माँ शैल पुत्री को सादर नमन । सुंदर भावपूर्ण रचना के लिए बधाई

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