तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Tuesday, October 8, 2019


दशहरा

विजयी भव शुभकामना, करते बारम्बार।
सबके अंदर राम हों ,इस पावन त्यौहार ।।

दम्भी रावण का दहन ,होता है प्रति वर्ष ।
मूल भाव के ज्ञान से ,ही निकले निष्कर्ष ।।

द्वंद राम रावण चले ,उर जो इनका वास ।
अच्छाई की  जीत से  ,होय बुराई नास ।।

भेदी घर के आज भी ,अपनी लंका ढाय।
खायें अपने देश का ,दूजो के गुण गायं।।
©anita_sudhir

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