दशहरा
विजयी भव शुभकामना, करते बारम्बार।
सबके अंदर राम हों ,इस पावन त्यौहार ।।
दम्भी रावण का दहन ,होता है प्रति वर्ष ।
मूल भाव के ज्ञान से ,ही निकले निष्कर्ष ।।
द्वंद राम रावण चले ,उर जो इनका वास ।
अच्छाई की जीत से ,होय बुराई नास ।।
भेदी घर के आज भी ,अपनी लंका ढाय।
खायें अपने देश का ,दूजो के गुण गायं।।
©anita_sudhir
बहुत सही कहा आपने , सादर
ReplyDeleteजी सादर अभिवादन
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