तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Thursday, October 3, 2019

        उपवास
         दोहा छन्द
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औषधि उत्तम है यही ,रखें एक उपवास ।
चित्त शुद्ध मन शांत हो ,रोगों का हो नास ।।

सार्थक है उपवास जो ,समझें इसका मर्म।
खान पान नियमित करें ,पालन करिये धर्म ।।

खुश होते भगवान जो ,रखने से उपवास ।
रहता भिक्षुक वो सुखी, बैठा मंदिर पास ।।

लिये सत्य की धारणा ,करें मौन उपवास ।
चिंतन गाँधी का भरे ,जन जीवन में आस ।।

महत्व है उपवास का ,समझें इसके बोल।
अन्न त्याग के साथ ही , हो विचार अनमोल ।।

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