तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Tuesday, February 11, 2020

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पंक मध्य अब कमल नहिं,साफ हुआ अब हाथ
मुफ्त नीर विद्युत चला ,लेकर सबको साथ ।

2 comments:

  1. सबको मुफ़्त का माल चाहिए बस....

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    1. जी सत्य कथन
      जिसे ये मुफ्त का देकर अहसान जताते हैं ,वो तो एक नागरिक के अधिकार हैं

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