पंक मध्य अब कमल नहिं,साफ हुआ अब हाथ
मुफ्त नीर विद्युत चला ,लेकर सबको साथ ।
मुफ्त नीर विद्युत चला ,लेकर सबको साथ ।
कुंडलिया दिवस की बधाई ईश्वर अंतर्यामी ईश में,निहित अखिल ब्रह्मांड। निराकार के रूप में,अद्भुत अर्थ प्रकांड ।। अद्भुत अर्थ प्रकांड,जगत के नीत...
सबको मुफ़्त का माल चाहिए बस....
ReplyDeleteजी सत्य कथन
Deleteजिसे ये मुफ्त का देकर अहसान जताते हैं ,वो तो एक नागरिक के अधिकार हैं