/शक
*****
सभी संभव
संभावनाओं के मध्य
एक छोटा शब्द !
संदेह , शक ,
और उससे उत्पन्न अंजाम!
प्रश्नचिन्ह बनाए
पल पल हंसाता
पल पल डराता
नजर आता है ।
मकड़जाल में जकड़कर
जीवन के हसीन पलों को
अपनी गिरफ्त में लिए
ये शब्द अपना अस्तित्व
बचा जाता है ।
क्या होगा इसका अंजाम ,
परिणाम के पहले संदेह!
भविष्य के गर्भ में क्या छुपा
ये सतत मानसिक संतुलन
बिगाड़ अपनी जीत का
जश्न मनाता है ।
अंजाम की मत करो फिकर
संदेह की नहीं अगर मगर
जो निर्णय लो ,अडिग हो
उसे सत्य ,सही सिद्ध करो
कर्तव्यनिष्ठा ईमानदारी से
सजग हो कर्म करो
केवल कर्म करो ।
एक बात तो तय है
जो भी होगा अंजाम
ये कुछ दे जाएगा
सफल हुए तो लगन
अंजाम गर गलत हुआ
तो जीवन का पाठ सिखा जाएगा,
अंजाम कुछ दे कर ही जायेगा
संदेह से सब बिखर जाएगा ।
अनिता सुधीर
वाह बहुत सुंदर सीख देती रचना ।
ReplyDeleteसंदेह और शक छोटे दिखने वाले शब्द हैं पर बड़े विनाशकारी है ।
बहुत सुंदर सृजन सखी।
सादर आभार सखि
ReplyDeleteशक पर वफादार कत्ल किये जा चुके हैं
ReplyDeleteचूक से केवल पछतावा मिलता है
सत्य कहा आ0
Deleteसादर अभिवादन
सत्य कहा आपने, संदेश से सबकुछ बिखर जाता है।
ReplyDeleteऔर यदि कोई व्यक्ति भावुक हृदय का है, तो गैरों के प्रति उसका निस्वार्थ स्नेह भी संदेह बन जाता है।
जीवन की पाठशाला में यही मेरी आखिरी सबक भी है।
सादर नमन।
जो भी होगा अंजाम
ReplyDeleteये कुछ दे जाएगा
सफल हुए तो लगन
अंजाम गर गलत हुआ
तो जीवन का पाठ सिखा जाएगा,
अंजाम कुछ दे कर ही जायेगा
संदेह से सब बिखर जाएगा
बिलकुल सत्य ,सुंदर सृजन ,सादर