तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Friday, February 14, 2020

श्रद्धांजलि


पुलवामा की दर्दनाक घटना के एक वर्ष बीतने पर शहीदों को शत शत नमन
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 घात लगाकर दे गए, आतंकी आघात।
एक वर्ष अब बीतता,ह्रदय व्यथित दिन रात।

वसन तिरंगा ओढ़ के , चले देश के लाल,
आँखे नम हैं देश की,व्यथित मातु अरु तात ।

आयी थी विपदा बड़ी,हमको कम मत आँक,
बदला रिपु से ले लिया,उसकी क्या औकात ।

व्यर्थ न होगा साथियों,ये अनमिट बलिदान,
वादा करते हम सदा  ,अरि को देंगे मात ।

कोटि कोटि उनको नमन ,जिनके तुम हो लाल ,
अर्पित श्रद्धा सुमन ये ,नहीं सहेंगें घात ।

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अनिता सुधीर
लखनऊ



4 comments:

  1. शहीदों को शत शत नमन, परंतु जो शत्रु और विश्वासघाती अपने देश में छिपे हैं,इनसे हमें सावधान रहना है।
    असली जंग तो हमारी ऐसे लोगों से ही जो अमर शहीदों के बलिदान को निर्रथक कर रहे हैं।
    आजादी के बाद से इस युद्ध को हम हारते ही जा रहे हैं।
    नैतिक मूल्यों का पतन , जाति एवं धर्म की राजनीति और प्रगतिवाद के नाम पर हमारी संस्कृति पर लगातार हमला हो रहा है।

    भावपूर्ण सृजन के लिए आपको भी सादर प्रणाम।

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  2. आ0 आपकी सराहना से रचना सार्थक हो जाती है ।
    गद्दार यही छिपे है ,हर क्षेत्र में
    तंत्र और व्यवस्था मजबूर

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  3. बेहद हृदयस्पर्शी प्रस्तुति

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