तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Sunday, February 14, 2021

श्रंद्धाजलि



पुलवामा  बरसी 
पुलवामा की हृदय विदारक घटना के दो वर्ष बीतने पर  वीर शहीदों को शत शत नमन

गीतिका
**

घात लगाकर दे गए,आतंकी आघात।
आज बीतते वर्ष दो,हृदय व्यथित दिन रात।

ओढ़ तिरंगा सो गये ,पुलवामा के वीर 
आँखे नम हैं याद में,द्रवित मातु अरु तात ।

आयी थी विपदा बड़ी,किया पाक को खाक
बदला रिपु से ले लिया,उसकी क्या औकात ।

वीर शहीदों का लहू ,कहता बारम्बार,
नाश करो अब शत्रु का,करता वो उत्पात ।

व्यर्थ न होगा साथियों,रहे अमर बलिदान,
वादा करते हम सभी ,अरि को देंगे मात ।

कोटि कोटि उनको नमन ,जिनके तुम हो लाल ,
अर्पित श्रद्धा सुमन ये ,नहीं सहें अब घात ।

परिभाषित कर प्रेम को,गाथा लिखी महान ,
प्रेम दिवस अब है अमर,वीर हुये विख्यात ।

अनिता सुधीर

8 comments:

  1. बहुत सुन्दर।
    पुलवामा के शहीदों को श्रद्धापूर्वक नमन।

    ReplyDelete
  2. जी आ0 सादर अभिवादन

    ReplyDelete
  3. देश के अमर सपूतों को समर्पित आपकी इस शानदार रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई..

    ReplyDelete
  4. सुन्दर भावपूर्ण व हृदयविदारक रचना।
    बसंतोत्सव की हार्दिक शुभकामनाओं सहित बहुत-बहुत बधाई।

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी आ0 हार्दिक आभार आपको भी शुभकामनाएं

      Delete
  5. देश पे कुर्बान होने वाले जवानों को मेरा सादर नमन ...
    भावपूर्ण रचना ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी हार्दिक आभार
      जयहिंद

      Delete