तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Sunday, June 5, 2022

पर्यावरण


 पर्यावरण/ वृक्षारोपण


प्राण वायु देता रहे ,विटप करे उपकार।।
वृक्षारोपण सब करें,ये जीवन आधार।

वृक्ष काटते जा रहे  ,पारा हुआ पचास।
जीव जगत व्याकुल हुआ ,शीतलता का ह्रास।।
धरती बंजर हो रही ,बचा न खग का ठौर।
बढ़ा प्रदूषण रोग दे ,करिये इसपर  गौर ।।
श्वसन तंत्र बाधित हुआ,पड़ा मनुज बीमार।
वृक्षारोपण सब करें,ये जीवन आधार।।

क्षरण मृदा का जो रुके ,लगे बाढ़ पर रोक।
वृक्षों का रोपण करें,तभी मिटेगा शोक । ।
माटी को  बाँधे जड़ें  ,रोके मृदा कटाव ।
स्वच्छ नदी की तलहटी,रोके बाढ़ बहाव।।
विकट प्राकृतिक आपदा ,इस पर करें विचार।।
वृक्षारोपण सब करें,ये जीवन आधार।।

औषध गुण भरपूर है,भोजन का भंडार।
देख भाल उत्तम करें,करिये प्यार दुलार।।
देव रूप में  पूजिये,वृक्ष धरा की शान।
संतति जैसे मानिये ,करें मान सम्मान।।
सरकारें लाचार हैं ,आप लीजिए  भार।
वृक्षारोपण सब करें,ये जीवन आधार।।

अनिता सुधीर आख्या 

7 comments:

  1. अति सुंदर एवं सार्थक सृजन 💐💐💐💐

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    1. सादर धन्यवाद दीप्ति जी

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  2. अत्यंत सुंदर, सार्थक दोहा गीत🙏

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  3. बहुत ही सारगर्भित अभिव्यक्ति!!

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  4. सुंदर और अर्थपूर्ण सृजन
    वाह

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  5. पर्यावरण और प्राकृति को बाखूबी उकेरा है इन दोहों में ...

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  6. आपकी यह रचना प्रशंसनीय है.....

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