तितली के रंगीन परों सी जीवन में सारे रंग भरे चंचलता उसकी आँखों में चपलता उसकी बातों मे थिरक थिरक क

Sunday, July 31, 2022

उधम सिंह


 शत शत नमन

उधम सिंह

(26 दिसंबर 1899 - 31 जुलाई 1940)

क्रांति के वीरों में, थे उधम पंजाबी शेर।
कर्ज था माटी का, फिर किए डायर को ढेर।।

राष्ट्रप्रेम की ज्वाला लेकर,इंकलाब का गाते गान।
हर बच्चा जब उधम सिंह हो,होगा भारत देश महान।।

बेबस चीखें बैसाखी की,जलियांवाला का था घाव।
लहु के आँसू बहते देखें,उधमसिंह पर पड़ा प्रभाव।।

सात समुंदर पार चले थे,लेने माटी का प्रतिशोध।
डायर को फिर मार गिराया,जिसने मारे कई अबोध।।

बीस बरस का बदला लेते,जो जलती सीने में आग।
अमर हुआ यह वीर सिपाही,देशभक्ति का गाकर राग।।

गाँव सुनाम हुआ बड़भागी,उधम सिंह को करे प्रणाम।
मिले मृत्यु से हँसते-हँसते,वीरों को देकर पैगाम।।

अनिता सुधीर


7 comments:

  1. शानदार लेखन 👌

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  2. Speechless writing.

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  3. सार्थक और प्रेरणादायक सृजन के लिए आपको बधाई। शहीद उधम सिंह को शत-शत नमन।

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  4. हार्दिक आभार आ0

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