माँ चंद्र घण्टा के चरणों में पुष्प
नवरातों त्योहार में,दिवस तीसरा ख़ास है ।
चंद्र घंट को पूज के ,लगी मोक्ष की आस है।।
सौम्य रूप में शाम्भवी,माँ दुर्गा अवतार हैं।
घण्टा शोभित शीश पर ,अर्ध चंद्र आकार है ।।
सिंह सवारी मातु की,अस्त्र शस्त्र दस हाथ में।
दर्श अलौकिक जानिए ,दिव्य शक्तियाँ साथ में।।
अग्नि तत्व मणिपुर सधे,योग साधना तंत्र में।
साधक मन को साधते,सप्त शती के मंत्र में।।
ध्वनि घंटे की शुभ रही,करें जोर से नाद सब।
दूर प्रेत बाधा करे,दूर करे अवसाद सब।।
कीर्ति मान सम्मान हो,साधक के घर द्वार में।
रक्षा करने धर्म की,माँ आयीं संसार में।।
अनिता सुधीर आख्या
No comments:
Post a Comment