Saturday, November 1, 2025

प्रबोधिनी एकादशी

प्रबोधिनी एकादशी

*प्रबोधिनी एकादशी,आए कार्तिक मास।*
*कार्य मांगलिक हो रहे,छाए मन उल्लास।।*

शुक्ल पक्ष एकादश जानें।कार्तिक शुभ फलदायक मानें।।
चार मास की निद्रा लेकर।चेतन में लौटे दामोदर।।
श्लोक मंत्र से देव जगाएँ। प्रभु चरणों में शीश झुकाएँ।।
तुलसी परिणय अति पावन है।मंत्र दशाक्षरी  मनभावन है।।
भाव सुमन को उर में भरिये।विधि विधान से पूजन करिये।।
दीप धूप कर्पूर जलाएं।माधव को प्रिय भोग लगाएं।।
व्रत निर्जल जब सब जन रखते।दीन दुखी के प्रभु दुख हरते ।।
महिमा व्रत की है अति न्यारी।पुण्य प्रतापी सब नर नारी।।

*पाप मुक्त जीवन हुआ,हुआ शुद्ध आचार।*
*आराधन पूजन करे,खुले मोक्ष के द्वार।।*

अनिता सुधीर आख्या

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