Monday, January 22, 2024

जय श्री राम

 जय श्री राम




जय श्री राम


श्याम वर्ण के राम लला का,हुआ अलौकिक दर्शन अब

हर्षित मन भावुक हो करता,सत्य सनातन वंदन अब  ।

योगीराज नमन तुमको है,देवत्व दिया जो पाथर को

बाल सुलभ ममता में गढ़ दी ,स्मित अधरों पर नर्तन

 अब।


जय श्री राम


घर घर में प्रभु राम विराजो,अंतस सबका निर्मल कर दो।

शुद्ध आचरण हो मानव का,भक्ति भाव हर उर में भर दो।।

सीख सकें मर्यादा तुमसे,पदचिन्हों पर चले तुम्हारे

यही कामना जनमानस की,नाम तुम्हारा भव से तर दे।।


अनिता सुधीर आख्या


Friday, January 5, 2024

अयोध्या

 #SHRIRAMBHAJAN

आज रामलला मंदिर के अक्षत पा कर अभिभूत हूँ

गीत



देख अयोध्या की शोभा को,दीप वर्तिका हर्षायी।

नवल भोर की आस जगाकर,संस्कृति जग में मुस्कायी।।


सदियों ने जब करी तपस्या,दिव्य स्वप्न साकार हुआ।

बाल रूप में प्रिय को पाकर,भावों का अँकवार हुआ।।

रोम-रोम आनंदित हो फिर,बना राम का अनुयायी।।

नवल भोर...


पावन सरयू के घाटों ने,किए भव्यता के दर्शन।

लहर-लहर अब ध्यान लगाए,करे चेतना का चिंतन।।

हुलस-हुलस पग रज छूने को,तटिनी बंधन तज आयी

नवल भोर...


मर्यादित हो युग बदले जब,दूर भागता अँधियारा ।

दो अक्षर से सत्य सनातन,लाए जग में उजियारा।।

नव्य अलौकिक सृष्टि सृजन ने,भारत बगिया महकायी।।

नवल भोर...


अनिता सुधीर आख्या

लखनऊ


चित्र गूगल से साभार


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