Monday, January 22, 2024

जय श्री राम

 जय श्री राम




जय श्री राम


श्याम वर्ण के राम लला का,हुआ अलौकिक दर्शन अब

हर्षित मन भावुक हो करता,सत्य सनातन वंदन अब  ।

योगीराज नमन तुमको है,देवत्व दिया जो पाथर को

बाल सुलभ ममता में गढ़ दी ,स्मित अधरों पर नर्तन

 अब।


जय श्री राम


घर घर में प्रभु राम विराजो,अंतस सबका निर्मल कर दो।

शुद्ध आचरण हो मानव का,भक्ति भाव हर उर में भर दो।।

सीख सकें मर्यादा तुमसे,पदचिन्हों पर चले तुम्हारे

यही कामना जनमानस की,नाम तुम्हारा भव से तर दे।।


अनिता सुधीर आख्या


1 comment:

  1. सीख सकें मर्यादा तुमसे,पदचिन्हों पर चलें तुम्हारे। उनके स्मरण की सार्थकता इसी में है। अभिनंदन आपका।

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