Monday, December 26, 2022

सूर्योदय

 चित्रकार की तूलिका,भरे गगन में रंग।

सूर्य उदय की लालिमा,रचती नवल प्रसंग।।


नित्य स्वप्न भी जागते,सूर्योदय के संग।

कनक रश्मियाँ घट लिए,भरे स्वप्न में रंग।।



1 comment:

  1. अद्भुत! मनोहारी! अति-प्रशंसनीय सृजन.

    ReplyDelete

आओ कान्हा ..लिए तिरंगा हाथ

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं गीत कहां छुपे तुम बैठ गए हो,हे गोकुल के नाथ। आन विराजो सबके उर में,लिए तिरंगा हाथ।। ग्वाल बाल के अंतस में दो,द...