Saturday, October 5, 2024

मां चंद्र घंटा

माँ चंद्र घण्टा के चरणों में पुष्प



नवरातों त्योहार में,दिवस तीसरा ख़ास है ।

चंद्र घंट को पूज के ,लगी मोक्ष की आस है।।


सौम्य रूप में शाम्भवी,माँ दुर्गा अवतार हैं।

घण्टा शोभित शीश पर ,अर्ध चंद्र आकार है ।।


सिंह सवारी मातु की,अस्त्र शस्त्र दस हाथ में।

दर्श अलौकिक जानिए ,दिव्य शक्तियाँ साथ में।।


अग्नि तत्व मणिपुर सधे,योग साधना तंत्र में।

साधक मन को साधते,सप्त शती के मंत्र में।।


ध्वनि घंटे की शुभ रही,करें जोर से नाद सब।

दूर प्रेत बाधा करे,दूर करे अवसाद सब।।


कीर्ति मान सम्मान हो,साधक के घर द्वार में।

रक्षा करने धर्म की,माँ आयीं संसार में।।


अनिता सुधीर आख्या 

Friday, October 4, 2024

मॉं ब्रह्मचारिणी

मॉं ब्रह्मचारिणी के चरणों में पुष्प 

ब्रह्मचारिणी रूप में,माँ अम्बे को पूजिए।
कर्म शक्ति अनुरूप ही,कठिन तपस्या कीजिए।।

अक्ष,कमंडल हाथ में,देवि नाम की भव्यता।
प्रेम त्याग तप साधतीं,मातु रूप में दिव्यता।।

मनोकामना पूर्ण हो,चंद्रमौलि के  ध्यान से।
कठिन तपस्या अब करें,बिल्व पत्र फल पान से।।

ब्रह्मचर्य की साधना धीरज सयंम जानिए।
सदाचार एकाग्रता, पूजन विधि ये मानिए।।

स्वाधिष्ठानी चक्र को,साधक मन जागृत करे।
विचलित चंचल मन सधे,शांत भाव झंकृत करे।।

अनिता सुधीर आख्या

Tuesday, October 1, 2024

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 


*पके आम*

रिक्त सदन में पात झरे जब
पके आम सब पीत हुए।

साया बन कर आशंकायें
नित खेलें छुपन छुपाई
खोल नैन की काली पट्टी
एकांत करे भरपाई
मौन गूँजता मन आँगन में
कंपित से भयभीत हुए।।

पोपल मुख पर निस्तेज नयन 
नूतन स्वांग रचाती है
दंत बतीसी पानी भरती 
जिह्वा शोर  मचाती है
श्वास वाद्य की हलचल ही
अब आँगन के गीत हुए ।।

पल पल बढ़ता एकाकीपन
जीर्ण शीर्ण अब मज्जा है
क्लान्त शिथिल मन भाव सुबकता
व्यंग बाण अब सज्जा है
दुर्ग बनाये जो अपनों से 
वो अब कालातीत हुए।।

अनिता सुधीर आख्या 
चित्र गूगल से साभार

मां चंद्र घंटा

माँ चंद्र घण्टा के चरणों में पुष्प नवरातों त्योहार में,दिवस तीसरा ख़ास है । चंद्र घंट को पूज के ,लगी मोक्ष की आस है।। सौम्य रूप में शाम्भवी,...