बस ऐसे ही बैठे बैठे
एक गीत
विज्ञान पर
रहना था कितना आसान ,पढ़े नहीं थे जब विज्ञान ।
दीवार धकेले दिन भर हम ,फिर भी करते सब बेगार।
हुआ अँधेरा,पढ़ा प्रकाश,विद्युत करता सब कुछ नाश।
भौतिक की ये है पहचान ,बने इसी से मंगल यान।
रहना...
कमी आयतन,बढ़ता दाब,इसे बढ़ायें ,चढ़ता ताप ।
समीकरण में अटके प्राण,बंधन कब करता कल्याण।।
भेद रसायन है अनजान ,नोबल पाते फिर विद्वान ।
रहना...
ज्या कोज्या करता परिहास, ब्याज क्षेत्र से लगती आस ।
रेखा बोती ऐसे बीज ,अंक भला फिर क्या है चीज,
संख्याओं में लटकी जान, करे समन्वय अब हैरान ।
रहना...
जीव जंतु के अद्भुत नाम ,वायरस से जीना हराम।
उलझा बोस जी का बयान,पौधों में होते हैं प्रान
डार्विन पर दुनिया गतिमान,प्राणि तंत्र से निकले जान।
रहना...
पढ़ो ध्यान से पर विज्ञान,तकनीकी का अद्भुत ज्ञान
सही करो इसका उपयोग,होगा जन जन का कल्यान।
जुड़ा योग संग जब विज्ञान,विश्व गुरू की है पहचान ।।
रहना...
अनिता सुधीर आख्या
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