Friday, November 15, 2024

देव दीपावली

दीप माला की छटा से,घाट सारे जगमगाएं।
देव की दीपावली है,हम सभी मिल कर मनाएं।।
भक्ति की डुबकी लगाएं,पावनी जल गंग में जब,
दूर करके उर तमस को,दिव्यता की लौ जलाएं।।

अनिता सुधीर आख्या 

Wednesday, October 30, 2024

दीप

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं 


एक दीप उम्मीद का,जले सदा दिन रात।
मिले हौसला जीत का,यह अनुपम सौगात।।

एक दीप संकल्प का,आज जलाएँ आप।
तिमिर हृदय का दूर हो,मिटे सभी संताप।।

दीप जले जब ज्ञान का,रहे आचरण शुद्ध।
ऊर्जा के संचार से,अंतस में हैं बुद्ध ।।

करिए यही प्रयास अब,दीप जले हर द्वार।
दिव्य पर्व की ज्योति से,जगमग हो संसार।।


अनिता सुधीर आख्या 

Sunday, October 20, 2024

बाल मन

बाल मन


चांद देखा जब सिया ने,भाव कोमल हँस पड़े हैं।
दृश्य पावन यह मनोरम,कल्पना लेकर उड़े हैं।।
शब्द की सामर्थ्य कहती,बचपना कब लिख सके हम
ओट से आ चांद बोले,हम निकट ही नित खड़े हैं।।

अनिता सुधीर आख्या 

Wednesday, October 16, 2024

शरद पूर्णिमा

शरद पूर्णिमा की बधाई

सुख वैभव आरोग्य को,ले आते त्योहार।
धर्म कर्म की श्रेष्ठता,पाए नित विस्तार।।

शुभ तिथि अश्विन मास की,लाती शुभ संयोग।
शरद पूर्णिमा रात्रि में,मिले अमिय का भोग।।

धवल नवल जब चंद्रमा,नैसर्गिक यह रूप।
षोडश गुण से पूर्ण हो,भरे हृदय का कूप।।

मां लक्ष्मी भू लोक पर,हो दीपक घर द्वार।
विधि विधान से पूज कर,शुद्ध करें आचार।।

शीतल गुण की रश्मियां,करे खीर जब स्पर्श।
आध्यात्मिक शुभ भाव में,मिलें सत्व के दर्श।।

शरद ,रास,कोजागिरी,होंगे नाम अनेक।
जीवन पावन हो सफल,लक्ष्य सभी में एक।।

रास देखकर  कृष्ण का,ले विधु जब आनंद।
आत्मसात कर दृश्य को,कवि लिखते नित छंद।।


अनिता सुधीर आख्या 

















Wednesday, October 9, 2024

माँ

  मुक्तक

माँ जन्मी अपने तन जब,वह भाव अघाती है।
सृजन पीर माधुर्य लिए,नित प्रीति लगाती है।।
करे गर्भ जब अठखेली,धड़कन सरगम बनती,
कोख सींच आशाओं से,मन द्वार सजाती है।।

अनिता सुधीर आख्या 

Tuesday, October 8, 2024

मनहर

सौभाग्य है कि #विश्वासम परिवार द्वारा प्रकाशित डिजिटल पत्रिका #मनहर के मातृ शक्ति विशेषांक में मेरी रचनाएं। स्वतंत्रता संग्राम में वीरता से लड़ने और अपने प्राणों की आहुति देने वाली  10 वीरांगनाओं का उल्लेख किया है ।
आल्हा छंद के 5 युग्म से इनके जीवन
के प्रमुख घटनाओं को  समाहित करने का प्रयास किया है।

अनिता सुधीर आख्या

Monday, October 7, 2024

स्कंद माता

स्कन्द माता के चरणों में पुष्प


पंचम तिथि माँ स्कंद का,पूजन नियम विधान है।

भक्तों का उद्धार कर , करतीं कष्ट निदान हैं।।


तारकसुर ब्रह्मा जपे, माँग लिए वरदान में।

अजर अमर जीवित रहूँ, मृत्यु न रहे विधान में।।


संभव ये होता नहीं,जन्म मरण तय जानिए।

शिव सुत हाथों मोक्ष हो,मिले मूढ़ को दान ये।।


मूर्ति वात्सल्य की सजे,कार्तिकेय प्रभु गोद में।

संतति के कल्याण में, जीवन फिर आमोद में।।


सिंह सवारी मातु की, चतुर्भुजी की भव्यता।

शुभ्र वर्ण पद्मासना, परम शांति की दिव्यता।।


जीवन के संग्राम में,सेनापति खुद आप हैं।

मातु सिखाती सीख ये, बुरे कर्म से पाप हैं।।


ध्यान वृत्ति एकाग्र कर,शुद्ध चेतना रूप से।

पाएं पुष्कल पुण्य को, पार  लगे भवकूप से।।


अनिता सुधीर आख्या


देव दीपावली

दीप माला की छटा से,घाट सारे जगमगाएं। देव की दीपावली है,हम सभी मिल कर मनाएं।। भक्ति की डुबकी लगाएं,पावनी जल गंग में जब, दूर करके उर तमस को,दि...