करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं
प्रणय के राग गाने को,गगन में चाँद आता है।
अमर अहिवात जन्मों तक,सुहागन को सुनाता है।।
करे शृंगार जब नारी,कलाएँ कांति बरसातीं
निरख कर रूप रमणी का,हृदय से मुस्कुराता है।।
सजा कर थाल करवा का,जली जब प्रीति की बाती
व्रती फिर चौथ पूजे तब,कलश भर अर्घ्य पाता है।।
दमकती दिव्यता लेकर,रही वामांगिनी निर्जल
निहारे देव को छलनी, शुभम् सौभाग्य आता है।।
अधूरी सी कहानी को,विवाहित पूर्णता देते
समाहित एक दूजे में,यही करवा सिखाता है।।
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