योग दिवस की शुभकामनाएं
दोहा छन्द
***
योग दिवस पर विश्व में,मची योग की धूम।।
गर्व विरासत पर हमें,भारत माटी चूम ।
करते प्रतिदिन योग जो ,रहें रोग से दूर।
श्वासों का बस साधिए ,मुख पर आए नूर ।।
आसन बारह जो करे,होता बुद्धि निखार ।
सूर्य नमन से हो रहा ,ऊर्जा का संचार ।।
पद्मासन में बैठ कर ,रहिये ख़ाली पेट।
चित्त शुद्ध अरु शाँत हो,करिये ख़ुद से भेंट ।।
प्राणवायु की जब कमी ,होते सारे रोग ।
जीवन प्राणायाम से ,मानव उत्तम भोग ।।
ओम मंत्र के जाप से ,होते दूर विकार।
तन अरु मन को साधता,बढ़े रक्त संचार।।
अनिता सुधीर आख्या
बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteयोगदिवस और पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ आपको।
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (23-6-2020 ) को "अन्तर्राष्टीय योग दिवस और पितृदिवस को समर्पित " (चर्चा अंक-3741) पर भी होगी,आप भी सादर आमंत्रित हैं।
---
कामिनी सिन्हा
सुंदर!
ReplyDeleteपर यहं भी कहना होगा की भारत में बहुत ज्यादा लोग योगाभ्यास नहीं कर रहे. हमारी कॉलोनी के 330 परिवारों में से १० लोग भी पार्क में योगाभ्यास करने के लिए इकट्ठे नहीं होते.
बहुत ही सुंदर दी .
ReplyDelete