Tuesday, March 21, 2023

विश्व कविता दिवस

विश्व कविता दिवस 

*काव्य रश्मियाँ*

काव्य रश्मियों का आलिंगन
देता श्वासों को  स्पंदन।।

मन द्वारे की सांकल बजती
शोर मचाती है कविता
मसि कागद का टोटा रहता
पीर जलाए जब सविता
कोरे पृष्ठों पर कोरी सी 
नित्य करे कविता ये मन।।

एक भाव जब अम्बर छूता
दूजा खींचे  सागर में 
अम्बर से सागर की दूरी
कैसे भर दूँ गागर में
नौ रस गुत्थम गुत्था करते
शिल्प गढ़े तब आतुर जन।।

क्षणिक ठौर को साँसे तरसे
छन्द जागता धीरे तब
वर्ण गूँथ कर माला पहने
रस श्रृंगार रचाता अब
सिक्त भाव से चले लेखनी
जगत पटल निखरे बन ठन।।

अनिता सुधीर आख्या

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