Wednesday, July 30, 2025

मुक्तक

मुक्तक

ग़मों को उठा कर चला कारवां है।

बनी जिंदगी फिर धुआं ही धुआं है।।

जहां में मुसाफ़िर रहे चार दिन के

दिया क्यों बशर ने सदा इम्तिहां है।।


अनिता सुधीर आख्या 


Thursday, July 10, 2025

गुरु पूर्णिमा


 गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं 


कब मार्ग मिला दिशि हीन चली,उर भाव पड़े जब शुष्क विविक्त।

मति मूढ़ लिए भटकी जग में,भ्रम जीवन को करता फिर तिक्त।।

मन अस्थिर के रथवान बने,गुरु खींच रहे जब से उर रिक्त।

चित धीर रखा सम भाव जगा,नित ईष्ट करें यह जीवन सिक्त।।


अनिता सुधीर आख्या 


Saturday, July 5, 2025

तुम्हारी आंखों में

जीवन का मनुहार,तुम्हारी आँखों में।
परिभाषित है प्यार, तुम्हारी आँखों में।।

छलक-छलक कर प्रेम,भरे उर की गगरी,
बहे सदा रसधार,तुम्हारी आँखों में।।

तुम जीवन संगीत,सजाया मन उपवन,
भौरों का अभिसार,तुम्हारी आँखों में।।

पूरक जब मतभेद चली जीवन नैया,
खट्टी-मीठी रार,तुम्हारी आँखों में।।

रही अकिंचन मात्र,मिला जबसे संबल,
करे शून्य विस्तार,तुम्हारी आँखों में।।

किया समर्पण त्याग,जले बाती जैसे,
करे भाव अँकवार,तुम्हारी आँखों में।।

जीवन की जब धूप,जलाती थी काया
पीड़ा का उपचार,तुम्हारी आँखों में।।

अनिता सुधीर 

Friday, July 4, 2025

साइबर अपराध

साइबर अपराध 

आल्हा छंद


दुष्ट प्रवृत्तियां दुष्कर्मों से,करें मनुज का नित नुकसान।
जिसकी फितरत ही ओछी हो,लाभ कहां दे तब विज्ञान।।

इंटरनेट कंप्यूटर आए,करने जीवन को आसान।
साइबर अपराधी पनपेंगे,इसका था तब किसको भान।।

करें फिशिंग हैकिंग से शोषण,भेज रहें हैं फर्जी मेल।
झूठे सरकारी कर्मी बन,खेलें कपट घिनौने खेल।।

चुरा जानकारी लोगों की,करते जब ये नित्य गुनाह।
धोखा खाती भोली जनता,उनको करना अब आगाह।।

साइबर अपराधी करते हैं,महिलाओं पर अत्याचार।
 धमकी दे अश्लील परोसे,करते हैं जीना दुश्वार।।

जोड़ रहा हमको दुनिया से,यही अनोखा इंटरनेट।
सेंध लगाते जो अपराधी,उनको कर दें मटियामेट।।

मूल मंत्र चौकन्ना रहकर,हमें उठाना है हथियार।
सजग सबल नारी कर सकती,अनगिन अपराधी पर वार।।

डिजिटल युग की हर महिला को,बनना होगा और सशक्त।
नियम विधान समझ कर सारे,तब दोषी पर करे प्रयुक्त। 

किसी लिंक को क्यों ही खोलें,भेजे जो कोई अज्ञात।
ओ टी पी  मत साझा करिए,पाएंगे तगड़ा आघात।।

साइबर सुरक्षा सब जाने,हुआ पाठ्यक्रम अब तैयार।
इसी क्षेत्र में बना कैरियर, महिलाएं लाएं उजियार।।

दृष्टिकोण में लिए विविधता,ढूंढ रही कितने आयाम।
लैंगिक पूर्वा ग्रह को छोड़े,कठिन कार्य को दे अंजाम।।

प्रौद्योगिक युग की महिला में,कुशल प्रबंधन का गुण खास।
रोके साइबर अपराधों को,भरती जीवन में उल्लास ।।


अनिता सुधीर आख्या 


















आओ कान्हा ..लिए तिरंगा हाथ

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं गीत कहां छुपे तुम बैठ गए हो,हे गोकुल के नाथ। आन विराजो सबके उर में,लिए तिरंगा हाथ।। ग्वाल बाल के अंतस में दो,द...