Friday, July 4, 2025

साइबर अपराध

साइबर अपराध 

आल्हा छंद


दुष्ट प्रवृत्तियां दुष्कर्मों से,करें मनुज का नित नुकसान।
जिसकी फितरत ही ओछी हो,लाभ कहां दे तब विज्ञान।।

इंटरनेट कंप्यूटर आए,करने जीवन को आसान।
साइबर अपराधी पनपेंगे,इसका था तब किसको भान।।

करें फिशिंग हैकिंग से शोषण,भेज रहें हैं फर्जी मेल।
झूठे सरकारी कर्मी बन,खेलें कपट घिनौने खेल।।

चुरा जानकारी लोगों की,करते जब ये नित्य गुनाह।
धोखा खाती भोली जनता,उनको करना अब आगाह।।

साइबर अपराधी करते हैं,महिलाओं पर अत्याचार।
 धमकी दे अश्लील परोसे,करते हैं जीना दुश्वार।।

जोड़ रहा हमको दुनिया से,यही अनोखा इंटरनेट।
सेंध लगाते जो अपराधी,उनको कर दें मटियामेट।।

मूल मंत्र चौकन्ना रहकर,हमें उठाना है हथियार।
सजग सबल नारी कर सकती,अनगिन अपराधी पर वार।।

डिजिटल युग की हर महिला को,बनना होगा और सशक्त।
नियम विधान समझ कर सारे,तब दोषी पर करे प्रयुक्त। 

किसी लिंक को क्यों ही खोलें,भेजे जो कोई अज्ञात।
ओ टी पी  मत साझा करिए,पाएंगे तगड़ा आघात।।

साइबर सुरक्षा सब जाने,हुआ पाठ्यक्रम अब तैयार।
इसी क्षेत्र में बना कैरियर, महिलाएं लाएं उजियार।।

दृष्टिकोण में लिए विविधता,ढूंढ रही कितने आयाम।
लैंगिक पूर्वा ग्रह को छोड़े,कठिन कार्य को दे अंजाम।।

प्रौद्योगिक युग की महिला में,कुशल प्रबंधन का गुण खास।
रोके साइबर अपराधों को,भरती जीवन में उल्लास ।।


अनिता सुधीर आख्या 


















1 comment:

  1. सामयिक एवं प्रासंगिक उत्कृष्ट लेखन

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